रक्षाबंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
रक्षाबंधन 2024 की तिथि और भद्रा: इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3:04 बजे से शुरू होकर रात 11:55 बजे तक रहेगी। इस दिन भद्रा का साया भी रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। भद्रा काल 19 अगस्त को रात 2:21 बजे शुरू होगा और दोपहर 1:30 बजे समाप्त होगा।
शुभ मुहूर्त: भद्रा समाप्त होने के बाद, राखी बांधने के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 1:46 बजे से शाम 4:19 बजे तक (2 घंटे 33 मिनट)
- प्रदोष काल: शाम 6:56 बजे से रात 9:07 बजे तक
शुभ संयोग: इस साल रक्षाबंधन पर चार शुभ संयोग बनेंगे:
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:53 बजे से 8:10 बजे तक
- शोभन योग: 19 अगस्त की सुबह 4:28 बजे से 20 अगस्त की रात 12:47 बजे तक
- रवि योग
- श्रवण नक्षत्र
रक्षाबंधन पूजा विधि: रक्षाबंधन की पूजा विधि सरल और विशेष है। बहनें भाई को सामने बिठाकर सबसे पहले रोली से तिलक करती हैं, फिर अक्षत (चावल) लगाती हैं। इसके बाद दीपक जलाकर भाई की आरती उतारी जाती है और मिठाई खिलाई जाती है। भाई अपनी बहन को उपहार और रक्षा का वचन देता है।
रक्षाबंधन की पौराणिक कथाएं: रक्षाबंधन के त्योहार से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। इनमें से एक कथा के अनुसार, मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर उसे अपना भाई बनाया था। इसी प्रकार, महाभारत में द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी और उन्होंने उसकी रक्षा का वचन दिया था।
रक्षाबंधन का महत्व: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह पर्व सिर्फ राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्यार का प्रतीक भी है। इस दिन भाई-बहन अपने बचपन की यादों को ताजा करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं।