1 सितंबर 2024 को एक बार फिर से एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। खासकर, कॉमर्शियल गैस सिलेंडरों के दामों में वृद्धि की गई है। यह महंगाई न केवल व्यावसायिक उपभोक्ताओं बल्कि पूरे देश में उपभोक्ताओं पर असर डाल रही है। इस लेख में, हम एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी, उसके कारण, और उसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में वृद्धि
सितंबर महीने की शुरुआत होते ही एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि का झटका लगा है। 1 सितंबर 2024 से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और चेन्नई समेत देश के कई बड़े शहरों में 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ा दी गई हैं। दिल्ली में यह सिलेंडर 39 रुपये महंगा हो गया है, जिससे इसकी कीमत 1652.50 रुपये से बढ़कर 1691.50 रुपये हो गई है। इसी तरह, मुंबई, कोलकाता, और चेन्नई में भी कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है।
महंगाई का प्रभाव
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में हो रही इस वृद्धि का असर सीधे तौर पर रेस्टोरेंट्स, होटलों और अन्य व्यावसायिक संस्थानों पर पड़ता है, जो बड़े पैमाने पर इन सिलेंडरों का उपयोग करते हैं। इससे खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे आम जनता पर भी महंगाई की मार पड़ेगी। इसके अलावा, घरेलू सिलेंडरों की कीमतों में स्थिरता के बावजूद, महंगाई का समग्र प्रभाव घरेलू बजट पर भी पड़ सकता है।
कीमतों में बढ़ोतरी का कारण
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में हो रही इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। इनमें कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, विदेशी मुद्रा दरों में परिवर्तन, और सरकार की नीतियों का प्रभाव शामिल है। इसके अलावा, ग्लोबल मार्केट में गैस की मांग और सप्लाई का असंतुलन भी कीमतों में उतार-चढ़ाव का एक प्रमुख कारण हो सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि जब भी वैश्विक बाजार में बदलाव होता है, उसका सीधा प्रभाव घरेलू बाजार पर भी पड़ता है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें स्थिर
हालांकि, इस बार भी घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 14 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं। दिल्ली में यह कीमत 803 रुपये, कोलकाता में 829 रुपये, मुंबई में 802.50 रुपये, और चेन्नई में 818.50 रुपये पर स्थिर है। इससे पहले, महिला दिवस पर सरकार द्वारा घरेलू सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की गई थी, जिसके बाद से इनकी कीमतें स्थिर हैं।
सरकार की भूमिका और संभावनाएं
सरकार द्वारा घरेलू सिलेंडरों की कीमतों को स्थिर रखने का प्रयास किया गया है, जिससे आम जनता को राहत मिल सके। लेकिन दूसरी ओर, कॉमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में लगातार वृद्धि ने सरकार के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। ऐसे में, सरकार को महंगाई पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसके लिए, गैस की सप्लाई को सुचारू बनाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना, और सब्सिडी जैसे उपायों पर ध्यान देना आवश्यक होगा।