प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) किसानों की आर्थिक सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत देश के सभी पात्र किसानों को सालाना ₹6,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाती है। वर्तमान में, इस योजना के तहत 17 किस्तों का भुगतान किया जा चुका है, और अब सभी किसानों को 18वीं किस्त का इंतजार है।
क्या है पीएम किसान योजना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए पीएम किसान सम्मन निधि योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, किसानों को तीन किस्तों में सालाना ₹6,000 की वित्तीय मदद दी जाती है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है, जिससे उनकी आय में सुधार हो सके और वे अपने कृषि कार्यों में आसानी से निवेश कर सकें।
18वीं किस्त की तारीख
पीएम किसान योजना के तहत 18वीं किस्त के बारे में कई किसानों में उत्सुकता है। अब तक, 17वीं किस्त 18 जून 2024 को जारी की गई थी। यह उम्मीद की जा रही है कि 18वीं किस्त अक्टूबर से नवंबर 2024 के बीच जारी की जाएगी। हालांकि, सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पिछले पैटर्न को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किस्त जल्द ही किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
ई-केवाईसी की अनिवार्यता
18वीं किस्त का लाभ पाने के लिए किसानों को ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सकती है। पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर, किसान अपने आधार कार्ड नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज कर सकते हैं। ई-केवाईसी पूरी करने के बाद ही किसान 18वीं किस्त का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
किस्त की स्थिति कैसे जांचें?
किसान अपने किस्त की स्थिति जांचने के लिए पीएम किसान पोर्टल पर जाकर बेनिफिशियरी स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर या आधार कार्ड नंबर का उपयोग करना होगा। इसके बाद, उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करनी होगी, जिसके बाद वे 18वीं किस्त की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
किसानों को मिलने वाले लाभ
पीएम किसान योजना के माध्यम से किसानों को न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि इससे उनकी कृषि कार्यों में भी मदद होती है। इस योजना से प्राप्त राशि का उपयोग किसान बीज, खाद और अन्य कृषि उपकरणों की खरीद में कर सकते हैं, जिससे उनकी फसल उत्पादन क्षमता में सुधार होता है। इसके अलावा, यह राशि किसानों के परिवारों की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में भी मददगार साबित होती है।